जानिए समस्तीपुर क्यों आई थी अर्थशास्त्र के नॉबेल पुरुस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी की संस्था जे-पाल

बिहार में जीविका के साथ काम करती है जे पाल।समस्तीपुर सतत जीविकोपार्जन परियोजना में कर रही है मदद। भारतीय-अमरीकी अर्थशास्त्री अभिजीत विनायक बनर्जी को इस साल का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. यह पुरस्कार उन्हें उनकी पत्नी इश्तर डूफलो और माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है। नोबेल पुरस्कार देने वाली रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ़ साइंसेज़ ने अपने बयान में कहा है, "2019 के अर्थशास्त्र पुरस्कार के इन विजेताओं ने ऐसे शोध किए जो वैश्विक ग़रीबी से लड़ने की हमारी क्षमता में काफ़ी सुधार करता है." अभिजीत बनर्जी ने 1981 में कलकत्ता विश्विद्यालय से विज्ञान में ग्रेजुएशन करने के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय से 1983 में एम.ए किया। 1988 में उन्होंने अपनी पी एच डी हावर्ड यूनिवर्सिटी से मोकम्मल की। पी एच डी पूरी करने के बाद उन्होंने हावर्ड और प्रिंसटन में पढ़ाने के बाद 1993 में एमआईटी जॉइन किया । एमआईटी में पढ़ाने के दौरान 2003 में उन्होंने अब्दुल लतीफ़ जमील पोवर्टी एक्शन लैब (जे- पाल) की शुरुआत की और वह इसके डायरेक्टर बने. यह लैब उन्होंने इश्तर डूफ़लो और सेंथिल...