ऑटो चालक मुन्ना ने ईमानदारी की मिसाल क़ायम की। ऑटो चालकों का गर्व सें सर किया ऊँचा
दरभंगा: ऑटो चालक मुन्ना ने ईमानदारी की मिसाल क़ायम की।
कहा भगवान का दिया सब कुछ है। किसी का कुछ ले लेने से कोई बड़ा नही हो जाता।
आज मैं (ओसामा हसन) मेरे दोस्त तारिक़ ईक़बाल भाई के मिलान चौक स्थित रिहाइश पर ईद मिलने जा रहा था। दरअसल तारिक़ भाई के यहाँ मेरी डॉ अय्यूब राईन साहेब और बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नज़रे आलम साहेब की दिन के खाने की दावत थी। गंगवारा स्थित घर से निकल कर सड़क पर आने के बाद अयूब साहेब से बात करने के बाद बाइक से लिफ्ट ले कर क़ैदराबाद स्थित पुरानी बस स्टैंड पहुचा। वहाँ से ऑटो में बैठ कर मिलान चौक पर पहुचा। जब तारिक़ भाई के घर पहुचा तो मोबाइल निकालने के लिए जेब मे हाथ डाला। देखा मोबाइल जेब मे नही था। मैंने तारिक़ भाई को आवाज़ दिया की मेरा मोबाइल गिर गया है। उन्होंने मेरे मोबाइल पर तुरंत कॉल लगाया।मेरा पसंदीदा रिंग टोन ( अपने लिए जिए तो क्या जीए तू जी ऐ दिल ज़माने के लिए) बजना शुरू हो गया।रिंग होने से थोड़ी बेचैनी कम हुई। किसी ने फ़ोन उठाया। मुझे थोड़ी और तसल्ली हुई। उधर से आवाज़ आई आपका मोबाइल गिर गया था। मैंने कहा आप ऑटो वाले भाई साहब बोल रहे हैं।उन्होंने कहा जी मैं ऑटो वाला बोल रहा हूँ। आपका मोबाइल मेरे ऑटो में गिर गया था। मेरे पास सुरक्षित है। उन्होंने कहा मैं दारू भट्टी चौक पर हूं आप अपना ले जा सकते हैं। दूसरा ऑटो पकड़ कर
हम और तारिक़ भाई दारू भट्टी चौक पहुचे। चौक पर ऑटो लगा कर ऑटो वाले भाई साहब मेरा ही इंतेज़ार कर रहे थे। जैसे ही मैं पहुचा उन्होंने मेरा मोबाइल बढ़ाते हुए कहा कि लीजिये आपका मोबाइल।
बड़ी खुशी हुई मोबाइल दोबारा पा कर। उसी ऑटो से हम नाका पाँच तक आए। रास्ते में पता चला कि उनका नाम मुन्ना है और दारू भट्टी चौक पर ही घर है। मुन्नाजी ने बताया कि हम आपका मोबाइल ले कर क्या करेंगे। भगवान का दिया हुआ सब कुछ है। घर मे पत्नी और 2 बच्चे हैं। बेटी ग्रेजुएशन कर रही है और बेटा इंटर में है। पत्नी सिविल कोर्ट में वकील है और न्याय मित्र भी है। खुद भी पढ़े लिखे हैं और ईमानदारी की कमाई खाते हैं। मुन्ना जी ने अपनी ईमानदारी दिखा कर न सिर्फ अपना सर ऊंचा किया है बल्कि सारी ड्राइवर का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
काश हमसब के अंदर मुन्ना जी जैसी ईमानदारी होती। हमारे नेता और अधिकारी भी ऐसे ही ईमानदार होते।
कहा भगवान का दिया सब कुछ है। किसी का कुछ ले लेने से कोई बड़ा नही हो जाता।
आज मैं (ओसामा हसन) मेरे दोस्त तारिक़ ईक़बाल भाई के मिलान चौक स्थित रिहाइश पर ईद मिलने जा रहा था। दरअसल तारिक़ भाई के यहाँ मेरी डॉ अय्यूब राईन साहेब और बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नज़रे आलम साहेब की दिन के खाने की दावत थी। गंगवारा स्थित घर से निकल कर सड़क पर आने के बाद अयूब साहेब से बात करने के बाद बाइक से लिफ्ट ले कर क़ैदराबाद स्थित पुरानी बस स्टैंड पहुचा। वहाँ से ऑटो में बैठ कर मिलान चौक पर पहुचा। जब तारिक़ भाई के घर पहुचा तो मोबाइल निकालने के लिए जेब मे हाथ डाला। देखा मोबाइल जेब मे नही था। मैंने तारिक़ भाई को आवाज़ दिया की मेरा मोबाइल गिर गया है। उन्होंने मेरे मोबाइल पर तुरंत कॉल लगाया।मेरा पसंदीदा रिंग टोन ( अपने लिए जिए तो क्या जीए तू जी ऐ दिल ज़माने के लिए) बजना शुरू हो गया।रिंग होने से थोड़ी बेचैनी कम हुई। किसी ने फ़ोन उठाया। मुझे थोड़ी और तसल्ली हुई। उधर से आवाज़ आई आपका मोबाइल गिर गया था। मैंने कहा आप ऑटो वाले भाई साहब बोल रहे हैं।उन्होंने कहा जी मैं ऑटो वाला बोल रहा हूँ। आपका मोबाइल मेरे ऑटो में गिर गया था। मेरे पास सुरक्षित है। उन्होंने कहा मैं दारू भट्टी चौक पर हूं आप अपना ले जा सकते हैं। दूसरा ऑटो पकड़ कर
हम और तारिक़ भाई दारू भट्टी चौक पहुचे। चौक पर ऑटो लगा कर ऑटो वाले भाई साहब मेरा ही इंतेज़ार कर रहे थे। जैसे ही मैं पहुचा उन्होंने मेरा मोबाइल बढ़ाते हुए कहा कि लीजिये आपका मोबाइल।
बड़ी खुशी हुई मोबाइल दोबारा पा कर। उसी ऑटो से हम नाका पाँच तक आए। रास्ते में पता चला कि उनका नाम मुन्ना है और दारू भट्टी चौक पर ही घर है। मुन्नाजी ने बताया कि हम आपका मोबाइल ले कर क्या करेंगे। भगवान का दिया हुआ सब कुछ है। घर मे पत्नी और 2 बच्चे हैं। बेटी ग्रेजुएशन कर रही है और बेटा इंटर में है। पत्नी सिविल कोर्ट में वकील है और न्याय मित्र भी है। खुद भी पढ़े लिखे हैं और ईमानदारी की कमाई खाते हैं। मुन्ना जी ने अपनी ईमानदारी दिखा कर न सिर्फ अपना सर ऊंचा किया है बल्कि सारी ड्राइवर का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
काश हमसब के अंदर मुन्ना जी जैसी ईमानदारी होती। हमारे नेता और अधिकारी भी ऐसे ही ईमानदार होते।
God bless him
ReplyDeleteBahut khub uski video bana lete to Or desh duniya me acchi msg jati hum apne channel ke madhyam se use publiced karte
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