जीविका दीदियों ने मनाया अनोखा रक्षा बंधन। पेड़ को राखी बांध सुरक्षा का लिया शपथ
जीविका दीदियों ने मनाया अनोखा रक्षा बंधन
ताजपुर,समस्तीपुर:-
रक्षाबन्धन एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है। रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है, रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है।रक्षाबंधन के दिन बहने भगवान से अपने भाईयों की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। कभी-कभी सार्वजनिक रूप से किसी नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बाँधी जाती है।
इतिहास में राखी के महत्व के अनेक उल्लेख मिलते हैं। मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने मुगल राजा हुमायूं को राखी भेजकर रक्षा-याचना की थी। हुमायूं ने भी राखी की लाज रखी।
बंग भंग के विरोध में चलाए जा रहे स्वदेशी आंदोलन में हिन्दू मुस्लिम एकता को दर्शाने के लिए एक दूसरे के कलाई पर राखी बांधी थी।कहते हैं राखी की परंपरा परंपरा वैदिक युग से चली आ रही है।
जीविका दीदियों का अनोखा रक्षा बंधन
जीविका ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही एक परियोजना है। इसका उद्देश्य गरीबी उन्मूलन है। महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक विकास इसका मुख्य उद्देश्य है। 2006 से ये परियोजना निरंतर चल रही है। 2006 में बिहार के कुछ जिलों के कुछ प्रखण्ड में इसे शुरू किया गया था। आज ये बिहार 38 ज़िलों के 534 प्रखंडों में चल रही है। इसमे समूह के माध्यम से गरीबी उन्मूलन पर कार्य किया जाता है। बिहार के विकास में जीविका और जीविका दीदियों के योगदान को नकारा नही जा सकता।
निरंतर हो रहे जलवायु परिवर्तन से बिहार के विकास पर प्रभाव पड़ा है। कहीं सुखाड़ तो कहीं बाढ़ बिहार की नियति बन गयी है। इसके कारण विकास पर विपरित प्रभाव पड़ा है।
विकास की गति को आगे बढ़ाने और पर्यावरण की सुरक्षा हेतु जीविका दीदियों को जागरूक किया जा रहा है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जीविका दीदियों द्वारा अधिक से अधिक पेड़ लगाया गया। हाल ही में 9 अगस्त 2019 को बिहार के मुख्यमंत्री ने जल-जीवन- हरियाली जागरकता अभियान का शुरुआत किया। इस अवसर पर भी जीविका दिसियों द्वारा पेड़ लगाया गया। जीविका के राज्य कार्यालय से कार्यालय आदेश जारी हुआ। जिनमे हर समूह को 2 पेड़ प्रत्येक दीदी को एक पेड़ लगाने के लिए कहा गया। 15 अगस्त के मौके पर ताजपुर, समातीपुर की दीदियों ने झंडोत्तोलन के साथ साथ साथ वृक्षारोपण भी किया। सहेली जीविका महिला संकुल संघ ने वृक्ष तो लगाया ही साथ मे वृक्ष को राखी भी बांधा। संकुल संघ की कोषाध्यक्ष सुनीता कुमारी ने कहा कि जिस तरह हमारा भाई हमारी रक्षा करता है उसी तरह पेड़ भी हमारी रक्षा करता है। पेड़ पौधे पूरे पृथ्वी की रक्षा करते हैं। अब ज़रूरत इस बात की है कि हम पेड़ों की रक्षा करें। तभी हमारी सुरक्षा हो सकती है।
इस मौके पर प्रबंधक सामाजिक विकास मनोज रंजन ने कहा कि जिन्हें पेड़ों की आवश्यकता हो वो मनरेगा के माध्यम से पेड़ ले सकते हैं। इसके लिए ग्राम सभा मे डिमांड लिखवाना होगा।
ताजपुर,समस्तीपुर:-
इतिहास में राखी के महत्व के अनेक उल्लेख मिलते हैं। मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने मुगल राजा हुमायूं को राखी भेजकर रक्षा-याचना की थी। हुमायूं ने भी राखी की लाज रखी।
बंग भंग के विरोध में चलाए जा रहे स्वदेशी आंदोलन में हिन्दू मुस्लिम एकता को दर्शाने के लिए एक दूसरे के कलाई पर राखी बांधी थी।कहते हैं राखी की परंपरा परंपरा वैदिक युग से चली आ रही है।
जीविका दीदियों का अनोखा रक्षा बंधन
जीविका ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही एक परियोजना है। इसका उद्देश्य गरीबी उन्मूलन है। महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक विकास इसका मुख्य उद्देश्य है। 2006 से ये परियोजना निरंतर चल रही है। 2006 में बिहार के कुछ जिलों के कुछ प्रखण्ड में इसे शुरू किया गया था। आज ये बिहार 38 ज़िलों के 534 प्रखंडों में चल रही है। इसमे समूह के माध्यम से गरीबी उन्मूलन पर कार्य किया जाता है। बिहार के विकास में जीविका और जीविका दीदियों के योगदान को नकारा नही जा सकता।
निरंतर हो रहे जलवायु परिवर्तन से बिहार के विकास पर प्रभाव पड़ा है। कहीं सुखाड़ तो कहीं बाढ़ बिहार की नियति बन गयी है। इसके कारण विकास पर विपरित प्रभाव पड़ा है।
विकास की गति को आगे बढ़ाने और पर्यावरण की सुरक्षा हेतु जीविका दीदियों को जागरूक किया जा रहा है। इस साल विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जीविका दीदियों द्वारा अधिक से अधिक पेड़ लगाया गया। हाल ही में 9 अगस्त 2019 को बिहार के मुख्यमंत्री ने जल-जीवन- हरियाली जागरकता अभियान का शुरुआत किया। इस अवसर पर भी जीविका दिसियों द्वारा पेड़ लगाया गया। जीविका के राज्य कार्यालय से कार्यालय आदेश जारी हुआ। जिनमे हर समूह को 2 पेड़ प्रत्येक दीदी को एक पेड़ लगाने के लिए कहा गया। 15 अगस्त के मौके पर ताजपुर, समातीपुर की दीदियों ने झंडोत्तोलन के साथ साथ साथ वृक्षारोपण भी किया। सहेली जीविका महिला संकुल संघ ने वृक्ष तो लगाया ही साथ मे वृक्ष को राखी भी बांधा। संकुल संघ की कोषाध्यक्ष सुनीता कुमारी ने कहा कि जिस तरह हमारा भाई हमारी रक्षा करता है उसी तरह पेड़ भी हमारी रक्षा करता है। पेड़ पौधे पूरे पृथ्वी की रक्षा करते हैं। अब ज़रूरत इस बात की है कि हम पेड़ों की रक्षा करें। तभी हमारी सुरक्षा हो सकती है।
इस मौके पर प्रबंधक सामाजिक विकास मनोज रंजन ने कहा कि जिन्हें पेड़ों की आवश्यकता हो वो मनरेगा के माध्यम से पेड़ ले सकते हैं। इसके लिए ग्राम सभा मे डिमांड लिखवाना होगा।
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