ब्लड मैन ऑफ बिहार के नाम से प्रसिद्ध उमेश प्रसाद को मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
मंसूर हसन रिसर्च फाउंडेशन ने दिया ये अवार्ड।।
मोहम्मद अशफाक और नजमुस साकिब को दिया गया Appreciation Award
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दरभंगा: मंसूर हसन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा दरभंगा के निवासी उमेश प्रसाद को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया। ये अवार्ड उन्हें दरभंगा शहर के गंगवारा स्थित मंसूर एन्क्लेव में आयोजित रक्तदान शिविर सह सम्मान समारोह में दिया गया। उमेश प्रसाद जी को ये अवार्ड समस्तीपुर रेल डिवीज़न के ADRM श्री ज़फ़र आज़म ने अपने हाथों से दिया। श्री आज़म ने उमेश प्रसाद जी के कार्यों की भूरी भूरी प्रसंशा की और कहा कि इससे बढ़ कर पुण्य का कोई दूसरा काम नही है।
ज्ञातव्य हो कि उमेश प्रसाद जी अब तक 61 बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं। और उनकी इक्षा है कि ब्लड डोनेशन में शतक लगाएं। उमेश जी हर 3 महीने पर अपना रक्तदान करते हैं।
RuralCollective से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने सर्वप्रथम 25 वर्ष की उम्र में 1992 में रक्त दान किया था। उस समय को याद करते हुए बताते हैं कि स्वर्गीय शिवचंद्रा झा ( पूर्व सांसद मधुबनी ) की बेटी को एनीमिया था और उन्हें ब्लड नही मिल रहा था। तब उन्होंने सर्वप्रथम रक्तदान किया था।
उमेश जी ने बताया कि डॉ BPM वर्मा ने ब्लड डोनेशन के बारे में समझाया और कहा कि ये बहुत बड़ा पुण्य का काम है। उस समय से वो साल में 4 बार ब्लड डोनेट करते हैं। उन्होंने बताया कि 2007 में उन्हें 7 बार ब्लड डोनेट करना पड़ा। दो पुरुष दो महिला (गर्भवती) को दिया जबकि 3 ऐसे बच्चे को भी ब्लड देना पड़ा जिनका ब्लड ग्रुप उनके माता से नही मिल रहा था।
उमेश जी का ब्लड O नेगेटिव है। और O नेगेटिव यूनिवर्सल डोनर होता है। जबकि ये ब्लड रेयर होता है। उनका कहना है कि जब भगवान ने उन्हें इस लायक बनाया है तो लोगों की मदद ज़रूर करनी चाहिए।
उमेश जी का ब्लड डोनेशन का सफर 1992 में शुरू हुआ जब वो 25 साल के थे और आज उनकी उम्र 55 वर्ष है। उन्होंने बताया कि रक्तदान का सबसे बड़ा फायदा उन्हें ये नज़र आया कि पिछले 13 सालों से उन्होंने कोई दवा नही ली यानी 13 सालों में कभी बीमार नही पड़े।
युवा पीढ़ी को वो क्या संदेश देना चाहेंगे इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि वो चाहते हैं कि 18 साल की उम्र में जब पहली बार वोट डालने का अधिकार मिलता है उसी समय समय से ब्लड डोनेट करना शुरू करें और बिहार के युवा रक्तदान में शतक लगाएं। उन्होंने बताया कि बिहार में उनकी जानकारी में अभी तक रक्तदान में शतक नही लगाया है।
उमेश प्रसाद जी के अतिरिक्त सम्मान समारोह में मोहम्मद अशफाक और नजमुस साकिब को Award of Appreciation से से नवाजा गया।
वहीं चल रहे रक्तदान शिविर में बड़ी संख्या में झगरौआ मदरसे के विद्यार्थियों ने और आम और खास लोगों ने रक्तदान किया।
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