झगरौआ मदरसा दरभंगा के बच्चों ने ब्लड डोनेशन कैम्प में दिखाया जोश



 दिनांक 07/02/2021 को मंसूर हसन रिसर्च फाउंडेशन के बैनर तले रक्तदान शिविर सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समस्तीपुर रेल डिवीज़न के सहायक रेल प्रबंधक श्री ज़फ़र आज़म ने कहा कि खुशी ऐश और आराम में नही,बेहतर मकान, बेहतर सवारी में नही है खुशी दुसरो की मदद करने में है। उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम में आकर मुझे बेहद खुशी मिली है। ये लोगों की भलाई का काम है। मंसूर हसन रिसर्च फाउंडेशन ने जो कार्यक्रम आयोजित किया है इससे लोगों की जान बचाई जा सकती है। दूसरे संस्थाओं को इससे सीख लेकर ऐसे प्रोग्राम ज़रूर आयोजित करने चाहिए। 

रेल प्रबंधक ज़फ़र आज़म ने कहा कि मंसूर हसन साहेब रेल में एक ईमानदार ऑफिसर के रूप में जाने जाते थे। कोई भी पोस्ट छोटा या बड़ा नही होता इंसान का काम बड़ा होता है मंसूर हसन साहेब ने अपने काम को ईमानदारी से किया। अब उनके औलाद उनकी शिक्षाओं को लोगों तक पंहुचा रहे हैं। 

ज़फ़र आज़म साहेब ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि युवा शिक्षा पर ध्यान दें। वो किसी को दिखाने के लिए नही खुद के लिए पढ़ें। उन्होंने कहा कि युवाओं को सोशल मीडिया से दूर रहना चाहिए।

उन्होंने स्वाथ्य रहने के लिए खेलने और रोज़ सुबह 2-3 किलोमीटर पैदल चलने की एडवाइस की।



विशिष्ट अतिथि के रूप में दरभंगा के मशहूर ओर्थपेडीक सर्जन डॉ हासिब इक़बाल कमाली ने बताया कि हमारे देश मे और खास कर बिहार में  रक्तदान को लेकर जागरूकता नही है। उन्होंने बताया कि रक्तदान काफी फायदे हैं। उन्होंने बताया कि रक्त का जीवन 3 महोने का होता है। 3 महीने में नया रक्त बनाता है। लेकिन जो पुराना रक्त होता है वो किडनी के माध्यम से निकलता है। रक्तदान करते रहने से शरीर का बोझ कम होता है। इससे रक्तचाप भी कंट्रोल होता है। अपनी सेहत तो अच्छी रहती ही है दूसरों की जान बचती है। डॉ कमाली ने बताया कि रक्तदान ऐसा काम है जिससे अपनी जान के साथ साथ दूसरों की भी जान बचती है इसलिए ये काम ज़रूर करना चाहिए। 


बेदारी कारवां के राष्ट्रीय अध्यक्ष नज़रे आलम साहेब कहा कि रक्तदान शिविर वक्त की मांग है। दरभंगा डी एम सी एच में हमेशा रक्त की कमी रहती है लोगों के आवश्यकताओं की पूर्ति इसके द्वारा नही हो पाती है। ऐसे ब्लड  कैम्प से निश्चित तौर पर रक्त की कमी दूर होगी और ज़रूरतमंद की ज़रूरत पूरी होगी। रक्त की कमी के कारण मौत बहुत निंदनीय है।



मंसूर हसन रिसर्च फाउंडेशन के सेक्रेटरी और दंताः डेंटल क्लीनिक के संस्थापक डॉ राफ़े हसन ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 30 लाख लोग रक्त नही मिलने के कारण मर जाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये आंकड़ा भारत का है जहाँ की आबादी एक अरब से ज़्यादा है। अगर एक प्रतिशत नागरिक भी रक्तदान कर दें तो इसकी पूर्ति हो सकती है लेकिन जागरूकता नही होने के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। रक्तदान से सेहत अच्छी होती है। उन्होंने DPMI दरभंगा और झगरौआ मदरसा के बच्चों ने इसमी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है हर धर्म के लोग इस रक्तशिविर मे भाग लिए हैं इससे समाज मे निःसंदेश अच्छा मैसेज जाएगा।


झगरौआ मदरसा के कारी नसीम। साहेब ने कहा कि मंसूर हसन रिसर्च फाउंडेशन अच्छा काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इससे पहले झगरौआ मदरसा में  हेल्थ चेकअप कैम्प लगाया था जिसमे डॉ हासिब कमाली, डॉ राफ़े हसन और होज़ैफ़ा हसन ने मदरसे के बच्चों का मुफ्त इलाज किया था। झगरौआ मदरसा तालीम के साथ साथ फलाही कामो में भी हमेशा आगे रहता है।


ईस मौक़े पर मुख्य अतिथि सहायक रेल प्रबंधक ज़फ़र आज़म साहेब ने अब तक 61 बार खून दे चुके उमेश प्रसाद को मंसूर हसन रिसर्च फाउंडेशन की तरफ से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाज़ा जबकि नजमुस साकिब और मोहम्मद अशफ़ाक़ को Appreciation अवार्ड से नवाजा।



कैम्प में कुल 37 रक्तविरों ने रक्तदान किया। इसमे साम होमियो सदन के मोहम्मद शाहिद इक़बाल और उनकी पत्नी निशात फातमा, डेवलपमेंट प्रोफेशनल आसिफ़ इक़बाल, ओसामा हसन, युवा सामाजिक कार्यकर्ता नाज़िया हसन, शादाब हसन ,आदिल अख्तर, राहुल कुमार, अतीकुर्रहमान, आदि लोगों ने रक्त दान किया। 



कैम्प में एलुमनाई एसोसिएशन ऑफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया- बिहार चैप्टर, बेदारी करवा, दलित मुस्लिम समाज, आगोश वेलफेयर ट्रस्ट का योगदान रहा।

मौके पर विशिष्ट अतिथि डॉ तस्कीन आज़मी, दिल्ली पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर मसूद हसन, एफ.एंड.डी लैबोरेटरी के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी फार्मासिस्ट होज़ैफ़ा हसन DPMI के काशिफ इक़बाल, फवाद ग़ज़ाली आदि मौजूद थे।

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